इस बार मैने हार कबुल कर ली. वैसे भी नाइटी पतले कपड़े की बनी हुई थी और मुझे यक़ीन था की वैभा ने उस वक़्त ब्रा पहनी नहीं थी, इसी लिए मेरी उंगलियाँ वैभा की कड़ी नीपल मेहसूस कर सकती थी. दोनो हथेलिओं में स्तन भर के मैने उठाए, हलके से दबाए और सीने पर घुमाए. वैभा के मुँह से आह निकल पड़ी. उधर दूल्हा भी... Click Here to Read Full Story
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