Saturday, February 11, 2017

ये कैसा इंसाफ - 9

दोस्तों आज आप पढ़ रहे है ये कैसा इंसाफ भाग ९ अभी तक आपने पढ़ा ‘बहस छोड़िये।’—राझना एकाएक उठ खड़ा हुआ—‘मकतूल आपका होने वाला पति था। उसकी मौत से आपको जो सदमा पहुंचा है, उसको मैं समझ सकता हूं। मुझे आप से हमदर्दी है
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