Wednesday, January 25, 2017

विकसित हो रही जवानी

उस दिन माँ का फोन सुबह सवेरे ही आ गया ‘बेटा.. कैसे हो.. इस बार होली पर आ रहे हो ना.. कितने साल हो गए घर आए हुए?’
‘नहीं माँ.. मैं नहीं आ पाऊँगा.. ऑफिस से बहुत छुट्टियाँ ले चुका हूँ.. मार्च आने वाला है.. अब तो एक दिन की छुट्टी लेना भी मुश्किल है..। दो दिन तो आने-जाने में ही निकल जाएंगे.. फिर... Click Here to Read Full Story

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