हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम धीरज है और में आपके लिए अपनी एक और सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. जब ये घटना घटी उस समय मेरी उम्र 18 साल थी और में जब 12वीं क्लास में पढ़ता था. हमारी गली के मोड़ पर एक स्टेशनरी शॉप हुआ करती थी. में वहाँ से सुबह के समय रोज़ कुछ ना कुछ खरीदता था जैसे पेन्सिल, कलर या फिर टोफ़ी... Click Here to Read Full Story
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